Monday, 27 November 2017

जानें मायावती ने क्यों कहा, '...तो समर्थकों के साथ हिन्दू धर्म त्याग कर अपना लूंगी बौद्ध धर्म'

जानें मायावती ने क्यों कहा, '...तो समर्थकों के साथ हिन्दू धर्म त्याग कर अपना लूंगी बौद्ध धर्म'

मायावती ने बीजेपी को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर उसने दलितों, आदिवासियों और पिछड़ों के प्रति अपनी सोच नहीं बदली तो वह समर्थकों के साथ हिन्दू धर्म त्यागकर बौद्ध धर्म अपना लेंगी.

जानें मायावती ने क्यों कहा, '...तो समर्थकों के साथ हिन्दू धर्म त्याग कर अपना लूंगी बौद्ध धर्म'

खास बातें

  1. 'बीजेपी जातीय संघर्ष करवा कर वोटबैंक की राजनीतिक चाल चल रही है'
  2. 'बीजेपी कैसा नया भारत बनाएगी, अंदाजा लगाया जा सकता है'
  3. 'अब जनता जाग गई है, आने वाले निकाय चुनाव में बीएसपी मजूबत होगी'
आजमगढ़: बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) की प्रमुख मायावती ने बीजेपी को चेतावनी देते हुए कहा है कि अगर उसने दलितों, आदिवासियों और पिछड़ों के प्रति अपनी सोच नहीं बदली तो वह अपने समर्थकों के साथ हिन्दू धर्म त्यागकर बौद्ध धर्म अपना लेंगी. आजमगढ़ में एक रैली को संबोधित करते हुए मायावती ने बीजेपी पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के 'जातिवादी एजेंडे' को आगे बढ़ाने का आरोप लगाते हुए उसे हैदराबाद में रोहित वेमुला कांड और गुजरात में ऊना कांड के लिए जिम्मेदार ठहराया. बीएसपी प्रमुख ने कहा कि जब उन्होंने सहारनपुर में दलितों पर अत्याचार के मुद्दे को राज्यसभा में उठाने की कोशिश की तो उन्हें बोलने नहीं दिया गया, जिसके बाद उन्होंने बाबा साहब भीमराव अंबेडकर के नक्शेकदम पर चलते हुए राज्यसभा से इस्तीफा दे दिया. मायावती ने कहा, 'बीजेपी जातीय संघर्ष करवा कर वोटबैंक की राजनीतिक चाल चल रही है. इसे किसी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. अब जनता जाग गई है, आने वाले निकाय चुनाव में बीएसपी मजूबत होगी.' उन्होंने पीएम मोदी पर हमला बोलते हुए कहा, 'प्रधानमंत्री नए भारत के निर्माण की बात कहकर लोगों को गुमराह कर रहे हैं. बीजेपी कैसा नया भारत बनाएगी, अंदाजा लगाया जा सकता है.'

यह भी पढ़ें : भाजपा में दलित, ओबीसी हमेशा ही आरएसएस के बंधुआ मजदूर बने रहेंगे : मायावती

मायावती ने कहा कि बाबा साहब अंबेडकर ने हिन्दू धर्म की वर्ण व्यवस्था के तहत दलितों और दबे-कुचलों के साथ भेदभाव की परिपाटी को देखकर तत्कालीन शंकराचार्यों और संतों से मजहबी व्यवस्था की इन कमियों को दूर करने का आग्रह किया था, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। इसी कारण अंबेडकर ने अपने निधन से कुछ समय पहले नागपुर में अपने अनुयायियों के साथ हिन्दू धर्म त्यागकर बौद्ध धर्म अपना लिया था. मायावती ने कहा, 'मैं बीजेपी को खुली चेतावनी देती हूं कि अगर उन्होंने दलितों, आदिवासियों, पिछड़ों तथा धर्मांतरण करने वाले लोगों के प्रति अपनी हीन, जातिवादी और सांप्रदायिक सोच नहीं बदली तो मुझे भी हिन्दू धर्म छोड़कर बौद्ध धर्म अपनाने का फैसला लेना पड़ेगा.'


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